मानवता और सरलता की प्रतिमूर्ति है माता शबरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि माता शबरी मानवता और सरलता की प्रतिमूर्ति हैं। यही कारण है कि उनके प्रति आदिवासी समाज में अगाध श्रृद्धा और आस्था है। उन्होंने कहा कि यह सबसे पवित्र दिन है, जब आदिवासी युवा संकल्प लें कि वे आदिवासी संस्कृति और सभ्यता को अपनाएंगे और अपने गौरवशाली इतिहास को सदैव अक्षुण्ण बनाए रखेंगे। उन्होंने कहा कि अलग-अलग जाति होने के बाद भी आदिवासी समाज में जो एकजुटता है, वह उनकी संस्कृति और संस्कार की ही शक्ति है, जिसे बुजुर्गों ने अपनाया और सुरक्षित रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज विकास प्रक्रिया में सहभागी बना है। आवश्यकता इस बात कि है कि अपने अधिकार और हक के लिए आदिवासी वर्ग एवं उनके प्रतिनिधि अपनी आवाज को बुलंद करें और समाज की मुख्यधारा से जुड़ें।